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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया गया है कि उत्तराखंड के चमोली में आई त्रासदी के बाद Khalsa Aid के वालंटियर्स पीड़ितों की मदद के लिए मौके पर पहुंच चुके हैं.
उक्त दावे का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
भारत में किसान आंदोलन की शुरुआत से ही इसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स दो धड़ों में बंटे हुए थे. जहां एक धड़ा किसानों के समर्थन में खड़ा था तो वहीं दूसरा धड़ा आंदोलन में विदेशी एवं देश विरोधी ताकतों की संलिप्तता का दावा कर रहा था. किसान आंदोलन का अब तक का सफर काफी रोचक रहा है। विभिन्न मौकों पर आंदोलन में कई सकारात्मक एवं नकारात्मक पड़ाव आये. सोशल मीडिया यूजर्स के एक धड़े द्वारा आंदोलन में देश विरोधी ताकतों के होने की बात पर कई यूजर्स ने इस बात की आलोचना भी की. इसी क्रम में उत्तराखंड के चमोली में आई त्रासदी के बाद Khalsa Aid नामक एक संस्था ने राहत कार्यों के मद्देनजर अपने कुछ वालंटियर्स को वहां भेजा था. जिसके बाद कई यूजर्स तस्वीरें और वीडियोज शेयर कर उन यूजर्स से जवाब मांगने लगे जिन्होंने किसान आंदोलन में देश विरोधी ताकतों की संलिप्तता का दावा किया था. देखते ही देखते Khalsa Aid के तमाम वालंटियर्स की राहत कार्य करती कई तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होने लगी. ऐसी ही एक तस्वीर शेयर कर यूजर्स ने यह दावा किया कि यह तस्वीर उत्तराखंड में आई त्रासदी के बाद राहत कार्यों में संलिप्त Khalsa Aid के वालंटियर्स की है.
यह दावा शेयरचैट तथा फेसबुक पर भी काफी वायरल है.
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल पर ढूंढा, जहां हमें इस तस्वीर को लेकर कई अहम बातें पता चली. गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों को देखने पर हमें यह भी जानकारी मिली कि यह तस्वीर उत्तराखंड में आई त्रासदी से संबंधित नहीं है. गौरतलब है कि गूगल सर्च के परिणामों से हमें यह जानकारी मिली कि Khalsa Aid के आधिकारिक ट्विटर पेज से यही तस्वीर 2019 और 2020 में भी शेयर की गई थी.
इसके बाद हमने Khalsa Aid द्वारा साल 2019 में शेयर किये गए ट्वीट से मामले के तह तक पहुंचने का प्रयास किया. जहां हमें यह जानकारी मिली कि ये तस्वीरें 2019 में बिहार में आई बाढ़ के दौरान ली गई थी। जहां Khalsa Aid के वालंटियर्स ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री मुहैया कराया था.
इसके बाद जब हमने Khalsa Aid द्वारा 2020 में शेयर किये गए ट्वीट को देखा तो पाया कि संस्था द्वारा जो तस्वीर 2019 में शेयर की गई थी वही तस्वीर 2020 में भी शेयर की गई है.
इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया। जहां हमें Khalsa Aid International नामक एक verified Facebook पेज पर इसी तस्वीर का दूसरा वर्जन प्राप्त हुआ जिसमें वायरल तस्वीर में उपस्थित लोगों को देखा जा सकता है। जिस ट्राली पर बैठकर राहत सामग्री बांटी जा रही है वह ट्राली एवं संस्था का बैनर भी तस्वीर में देखा जा सकता है.
इसके बाद हमें Khalsa Aid के इंस्टाग्राम पेज पर अक्टूबर 2019 में अपलोड किया हुआ एक वीडियो प्राप्त हुआ। जिसमें वायरल तस्वीर में दिख रहे वालंटियर्स, ट्राली तथा संस्था का बैनर तीनों मौजूद हैं.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि Khalsa Aid के वालंटियर्स की जो तस्वीर उत्तराखंड त्रासदी के नाम पर शेयर की जा रही है दरअसल वह साल 2019 में बिहार में आई बाढ़ के दौरान ली गई थी.
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Neha Verma
June 27, 2020
Saurabh Pandey
October 30, 2020
Saurabh Pandey
November 7, 2020