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| - Last Updated on जुलाई 11, 2024 by Neelam Singh
सारांश
फेसबुक पर जारी वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि सात दिन में 20 साल पुरानी टीबी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि सात दिन में 20 साल पुरानी टीबी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इस घरेलु नुस्खे में मिट्टी का बरतन, बादाम, छुहारा, गुड़ और हल्दी को पीसकर, पानी के साथ मिलाकर मिट्टी के बर्तन में तब तक उबालना है, जब तक मिश्रण आधा ना हो जाए। उसके बाद उसका दिनभर में कभी भी सेवन करना है।
तथ्य जाँच
टीबी क्यों होता है?
टीबी एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करते हैं लेकिन ये शरीर के किसी भी हिस्से को संक्रमित कर सकते हैं। टीबी होने के दो मुख्य कारण हैं-
सक्रिय टीबी वाले किसी व्यक्ति से संक्रमण (Infection from someone with active TB):
यह टीबी फैलने का सबसे आम तरीका है। जब सक्रिय टीबी से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता है, छींकता है, तो बैक्टीरिया युक्त छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं। वहीं जो लोग किसी संक्रमित व्यक्ति से लगातार संपर्क में रहते हैं, तो वे भी संक्रमित हो सकते हैं।
टीबी संक्रमण का दोबारा सक्रिय होना (Reactivation of a latent TB infection):
जो लोग पहले कभी टीबी बैक्टीरिया के संपर्क में आए हैं, उनमें यह रोग तुरंत विकसित नहीं हो सकता है। कई बार बैक्टीरिया निष्क्रिय हो सकते हैं और वर्षों तक शरीर में निष्क्रिय पड़े रह सकते हैं। हालांकि, यदि व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, तो बैक्टीरिया फिर से सक्रिय हो सकते हैं और सक्रिय टीबी का कारण बन सकते हैं।
यहां कुछ अन्य कारक भी दिए गए हैं, जो सक्रिय टीबी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं-
- HIV/एड्स, मधुमेह या कुछ दवाओं के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना।
- कुपोषण
- बढ़ती उम्र
- धूम्रपान करना
- शराब या नशीली दवाओं का सेवन
- भीड़-भाड़ या अस्वच्छ परिस्थितियों में रहना
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि टीबी बैक्टीरिया के संपर्क में आने वाला हर व्यक्ति बीमार नहीं होगा। एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली आमतौर पर संक्रमण से लड़ सकती है। हालांकि ऊपर बताए गए कारक आपके सक्रिय टीबी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
टीबी के उपचार क्या हैं?
टीबी का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपको latent टीबी है या सक्रिय टीबी:
Latent टीबी: यदि आपको Latent टीबी है, तो आपको सक्रिय बीमारी नहीं है और आप इसे दूसरों तक नहीं फैला सकते हैं। हालांकि, आपको बैक्टीरिया को मारने और भविष्य में उन्हें सक्रिय होने से रोकने के लिए निवारक दवा की आवश्यकता होगी। टीबी के लिए सामान्य दवाओं में 6 से 9 महीने तक प्रतिदिन ली जाने वाली आइसोनियाज़िड (आईएनएच) शामिल है।
सक्रिय टीबी (Active TB): यह रोग का संक्रामक रूप है। उपचार के मुख्य आधार में कम से कम 6 महीने और संभवतः 12 महीने तक एंटीबायोटिक दवाओं का संयोजन लेना शामिल है। अधिक उपयोग की जाने वाली सबसे आम दवाएं आइसोनियाज़िड (आईएनएच), रिफैम्पिन, पायराजिनमाइड और एथमब्यूटोल हैं। इस दवा का पूरा कोर्स करना महत्वपूर्ण है, भले ही आप कुछ हफ्तों के बाद बेहतर महसूस करने लगें। दवा जल्दी बंद करने से दवा प्रतिरोध हो सकता है, जिससे टीबी का इलाज करना बहुत कठिन हो जाता है।
कुछ मामलों में, विशिष्ट मानदंडों वाले लोगों के लिए राइफैपेंटाइन और मोक्सीफ्लोक्सासिन के साथ एक छोटा, 4 महीने का उपचार एक विकल्प हो सकता है। टीबी के इलाज के बारे में याद रखने योग्य कुछ अतिरिक्त बातें यहां दी गई हैं-
- Directly Observed Therapy (DOT): सक्रिय टीबी के लिए, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता DOT की सिफारिश कर सकते हैं।
- दवा-प्रतिरोधी टीबी (Drug-resistant TB): यदि टीबी बैक्टीरिया मानक एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी है, तो उपचार अधिक जटिल हो जाता है और इसमें 30 महीने तक का समय लग सकता है। इसमें संभावित रूप से अधिक दुष्प्रभावों वाली विभिन्न दवाएं भी शामिल हो सकती हैं।
यदि आपको टीबी के बारे में कोई चिंता है या आपको लगता है कि आप इसके संपर्क में आ सकते हैं, तो उचित निदान और उपचार के लिए चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
क्या सात दिन में टीबी को जड़ से खत्म किया जा सकता है?
इस सवाल तक पहुंचने से पहले ही हमने शोध पत्रों की मदद से स्पष्ट कर दिया है कि टीबी का इलाज कम से कम 6 महीने तक चलता है। यह मरीज पर भी निर्भर कर सकता है कि संक्रमण कितना है, संक्रमण कब से है, इत्यादि।
वीडियो में जिस घरेलु टोटके या नुस्खे, बादाम, छुहारा, गुड़, हल्दी के मिश्रण की बात की गई है, उसकी मदद से भी टीबी को ठीक नहीं किया जा सकता है। टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. साकेत शर्मा (एमडी, डीएम सीनियर कंसलटेंट पलमोनरी मेडिसिन, जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल, पटना) बताते हैं, “टीबी एक संक्रामक रोग है, जो Mycobacterium tuberculosis नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। टीबी का संक्रमण शरीर के अन्य अंगों में भी हो सकता है लेकिन ज्यादातर संक्रमण फेफड़ों में होता है। ऐसे में टीबी के इलाज के लिए किसी टोटके या घरेलु नुस्खों पर भरोसा करना हानिकारक हो सकता है और गंभीर परिणाम दे सकता है। सात दिन में टीबी का इलाज नहीं हो सकता क्योंकि ये मरीज पर निर्भर करता है कि टीबी कितनी पुरानी है। 97 प्रतिशत लोगों में ड्रग्स सेंसेटिव टीबी केस पाए जाते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में 1st line ATT (Anti Tubercular treatment कहा जाता है.) इसमें चार तरह के ड्रग्स पाए जाते हैं- HRZE isoniazid, rifampicin, ethambutol, pyrazinamide.”
डॉ. शर्मा आगे बताते हैं कि डॉक्टर के साथ-साथ मरीज को भी ध्यान रखने की जरूरत है कि दवाओं का कोर्स सही तरीके से पूरा हो। अधिकांश लोग टीबी के इलाज को गंभीरता से नहीं लेते, जिस कारण MDR/XDR टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है। इतने प्रचार-प्रसार और हर एक सेंटर पर DOTS-Directly Observed Treatment की व्यवस्था होने के बावजूद भी लोग टीबी को लेकर जागरूक नहीं हैं। लोग जागरूक हो सके, इसके लिए समय-समय पर मीडिया, अस्पतालों आदि द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। साथ ही जांच प्रक्रिया में आधुनिकीकरण को शामिल करने की जरूरत है। जैसे- नये शोध के जरिए, नये तरीकों की खोज करना जो टीबी के जांच में और कारगर साबित हो सके।
अतः उपरोक्त शोध पत्रों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि सात दिन में टीबी को खत्म करने का दावा बिल्कुल गलत है।
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