मधुमक्खियों के हमले से घायल शेर को रेस्क्यू करने का वीडियो AI जनरेटेड है
बूम ने जांच में पाया कि डीपफेक डिटेक्टर टूल InVid और Hive के मुताबिक इस वीडियो के एआई जनरेटेड होने की संभावना 97 प्रतिशत से अधिक है.
मधुमक्खियों के हमले से पीड़ित एक शेर को रेस्क्यू किए जाने का डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वास्तविक घटना के रूप में वायरल है.
बूम ने जांच में पाया कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जनरेटेड वीडियो है. इसे All Things Wild नाम के यूट्यूब चैनल ने फरवरी 2025 को शेयर किया था. चैनल पर इस तरह के कई वीडियो शेयर किए गए हैं.
फेसबुक पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया, 'एक प्राणी की जान बचा कर इस टीम ने बहुत ही महान कार्य किया. ऐसे महान कार्य करने वाले लोगों को परम पिता परमात्मा लम्बी आयु दे और हमेशा खुश रखे. जीव की जान बचाने व नया जीवन देने के लिए टीम का बहुत-बहुत धन्यवाद व साधुवाद.'
कई मीडिया आउटलेट जैसे - इंडिया टीवी, टीवी9 भारतवर्ष, इंडिया.कॉम, जीन्यूज और लेटेस्टली ने भी इसी तरह के दावे से यह वीडियो शेयर किया.
टीवी9 भारतवर्ष ने अपनी खबर के हैडिंग और स्ट्रैप में बताया कि शेर के शरीर पर हजारों की संख्या में मधुमक्खियों ने अपना छत्ता बना लिया, जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने पहुंचकर शेर की जान बचाई.
इन सभी न्यूज आउटलेट ने एक इंस्टाग्राम यूजर को भी मेंशन किया.
फैक्ट चेक
बूम ने इस दावे के पड़ताल के लिए गूगल पर संबंधित कीवर्ड से सर्च किया. हमें All Things Wild नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मूल वीडियो मिला. आठ मिनट का यह वीडियो चैनल पर 17 फरवरी 2025 को शेयर किया गया था. इसी वीडियो के अलग-अलग क्लिप को क्रॉप और एडिट कर वायरल वीडियो को बनाया गया है.
इस वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें इसमें कई तरह की विसंगतियां नजर आईं, जो अक्सर एआई जनेरेटेड वीडियो में नजर आती हैं. उदाहरण के तौर पर वीडियो में एक जगह शेर के पैर और पूंछ के अलावा भी एक अतिरिक्त अंग नजर आ रहा है, जो थोड़ी ही देर में गायब हो जाता है.
इसे नीचे वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है.
इन विसंगतियों से हमें वीडियो के एआई जनरेटेड होने का संदेह हुआ. हमने इस मूल वीडियो की कई छोटी क्लिप को एआई डिटेक्टर टूल्स पर चेक किया. इनके अनुसार, यह वीडियो एआई जनरेटेड डीपफेक है.
इनविड टूल वीडियो में दिख रहे इंसान और जानवर के चेहरों के डीपफेक होने की संभावना का पता लगाता है. इसके मुताबिक इस वीडियो के डीपफेक होने की संभावना 97 प्रतिशत है.
एआई जनेरेटेड कंटेंट डिटेक्शन टूल हाइव के अनुसार, इस वीडियो के एआई जनरेटेड या डीपफेक होने की संभावना 99 प्रतिशत है.
इस चैनल पर इसी तरह के कई वीडियो शेयर किए गए हैं, जिनमें मधुमक्खी के हमले से घायल अलग-अलग जानवरों के रेस्क्यू को दिखाया गया है.
हमने पाया कि फेसबुक और यूट्यूब पर कई ऐसे चैनल और पेज हैं जिनमें इस तरह के वीडियो शेयर किए गए हैं. वायरल फुटेज से काफी मिलता-जुलता एक अन्य वीडियो Deep Blue Giants नाम के चैनल पर भी शेयर किया गया. इस चैनल ने बायो में बताया कि यहां पर एआई से बनाए गए वीडियो शेयर किए जाते हैं.