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| - Last Updated on सितम्बर 19, 2023 by Neelam Singh
सारांश
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट द्वारा दावा किया गया है कि पीपल के पत्ते और चावल की मदद से किसी भी तरह के रोग को ठीक किया जा सकता है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा पूर्णतया गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि पीपल के पत्ते और चावल की मदद से किसी भी तरह के रोग को ठीक किया जा सकता है।
तथ्य जाँच
क्या सभी तरह के रोग ठीक हो सकते हैं?
नहीं। देखा जाए, तो वर्तमान समय में ऐसे कई रोग हैं, जो ठीक नहीं किए जा सकते। जैसे – कैंसर, मधुमेह, एचआईवी एड्स, इत्यादि। कैंसर स्पष्ट रूप से सबसे घातक बीमारी है क्योंकि तीन में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल के दौरान कैंसर होता है। शोध के अनुसार Oesophageal cancer सबसे घातक कैंसरों में से एक है और इसका इलाज करना मुश्किल है। साथ ही इस कैंसर का जल्दी पता लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि इस कैंसर के शुरुआती चरण में छोटे ट्यूमर अक्सर कम या कोई लक्षण उतपन्न ही नहीं करते हैं, लेकिन अगर पता न चले तो Oesophageal cancer पेट, फेफड़े, लीवर और लिम्फ नोड्स सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकता है। अंतिम मेटास्टेसिस चरण में ट्यूमर लाइलाज होता है और अंतिम चरण के अधिकांश उपचार केवल जीवन को बढ़ाने और लक्षणों से राहत देने पर केंद्रित होते हैं। Oesophageal को आम बोलचाल की भाषा में भोजन नली भी कहा जाता है, जो मुंह से शुरू होकर पेट तक जाती है।
मधुमेह पर केंद्रित एक आलेख के अनुसार मधुमेह का कोई इलाज नहीं है। साथ ही इस पर अभी गहन शोध की भी आवश्यकता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी बीमारी के इलाज, उपचार या निदान के निर्णय पर पहुंचने के लिए गहन शोध की आवश्यकता होती है। जैसे- Nipah and nipah virus diseases, Rift Valley fever, Zika, Ebola virus disease और Marburg virus disease, Lassa fever, इत्यादि।
चिकित्सक से परामर्श लेना क्यों जरूरी है?
चिकित्सक से परामर्श लेना इसलिए जरूरी है क्योंकि वे आपकी स्थिति को समझते हुए आपका उपचार कर सकते हैं। चिकित्सक आपको बता सकते हैं कि आपको जो बीमारी हुई है, उसका असल कारण क्या है मतलब किसी बीमारी की जड़ क्या है? इससे आप अपनी दिनचर्या को लेकर भी सजग हो जाते हैं, जिससे आपके स्वस्थ्य होने की संभावना हो सकती है या स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
Why do people consult the doctor? शोध के अनुसार अगर कोई मरीज चिकित्सक से सलाह लेता है, तो उसे अपने बीमारी के बारे में सटीक जानकारी मिलती है, चिकित्सक मरीज को सलाह दे सकते हैं, जिससे वे स्वयं की देखभाल कर सकते हैं आदि। हालांकि इस शोध में उन कारणों की चर्चा की गई है, जो बताते हैं कि मरीज क्यों चिकित्सक से परामर्श नहीं लेते, जैसे- आर्थिक परेशानी, दूर-दराज इलाका होने के कारण, चिकित्सक से परामर्श लेने में परेशानी, आदि।
अतः किसी भी रोग का स्वयं निदान करना और चिकित्सक की सलाह ना लेना बीमारियों को बढ़ा सकता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए कि अगर किसी व्यक्ति को कैंसर है और वो इन सभी उपायों पर लंबे वक्त तक निर्भर रहता है, तो स्थिति गंभीर हो सकती है या जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में चिकित्सक से सलाह लेना और उनकी देखरेख में रहना जोखिमों को कम कर सकता है।
अब अगर फेसबुक पर जारी वीडियो की बात करें, तो उसमें दिखाए गए किसी भी तथ्य का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है इसलिए उस पर विश्वास करना जानलेवा हो सकता है। पीपल के पत्ते पर चावल रखकर पानी में बहा देने से यदि मनुष्य ठीक हो सकता है तो शायद अस्पतालों, दवाइयों व् चिकित्सकों की आवशयकता ही न होती।
इस लेख के माध्यम से हमारा उद्देश्य किसी की भी धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाना नहीं है बल्कि लोगों को गुमराह होने से बचाना है और भ्रामक खबरों से अगाह करना है। ताकि वे अन्धविश्वास से निकल कर वैज्ञानिक तथ्यों को समझ सकें और समय रहते अपना इलाज करायें।
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