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| - Fact Check: बांग्लादेश में हाथी के साथ हुई क्रूरता में नहीं था कोई सांप्रदायिक पहलू, फर्जी दावा वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि बांग्लादेश में मुस्लिम युवकों ने एक हाथी को मंदिर से जुड़ा होने के कारण पीटा। विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की जांच की और पाया कि वीडियो का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। यह घटना बांग्लादेश के कुमिला में हुई थी, जहां हाथी को दुकानों को तोड़ने की वजह से पीटा गया था। वन विभाग ने हाथी को बचाया और महावत को गिरफ्तार किया। इस वायरल वीडियो में कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं था।
By: Pallavi Mishra
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Published: Feb 7, 2025 at 04:55 PM
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नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कुछ लोगों को एक हाथी को डंडों से पीटते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह घटना बांग्लादेश की है, जहां कुछ मुस्लिम युवकों ने एक हाथी को इसलिए पीटा, क्योंकि वो एक मंदिर से सम्बंधित था।
विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की जांच की यह घटना बांग्लादेश के कुमिला में हुई थी, जहां हाथी को दुकानों को तोड़ने पर पीटा गया था। वन विभाग ने हाथी को बचाया और महावत को गिरफ्तार किया। इस मामले में कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं था।
वायरल पोस्ट में क्या है?
इंस्टाग्राम यूजर ‘Sanjeev Dubey‘ (Archive) ने वायरल वीडियो को 3 फरवरी 2025 को शेयर करते हुए लिखा, “बांग्लादेश में खास मजहब की भीड़ एक हाथी को जंजीरों में बांधकर लाठियों से बुरी तरह से इसलिए पिट रही है क्योंकि यह हाथी एक हिंदू मंदिर का था। सोचिए इनके मन में कितना जहर और नफरत भरा हुआ है। और पेटा और पूरी दुनिया खामोश है।”
पड़ताल
वायरल पोस्ट की जांच करने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल किया। हमें इस वीडियो का स्क्रीनशॉट बांग्लादेशी न्यूज़ वेबसाइट ढाका ट्रिब्यून की 28 अगस्त 2024 को पब्लिश हुई एक खबर में मिला। खबर के अनुसार बांग्लादेश के कुमिला में एक हाथी के बच्चे को जंजीरों से बांधकर दो पुरुषों द्वारा पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यहां बताया गया है कि ये वीडियो वायरल होने के बाद जानवरों के अधिकारों के लिए काम कर रहे लोगों ने इस हाथी को देबीद्वार और मुरादनगर के बीच पड़ने वाले एक गांव से खोज निकला था।
ढाका ट्रिब्यून की ही 31 अगस्त की खबर में इस मामले में और जानकारी देते हुए बताया गया कि बांग्लादेश के कुमिला के डौडकांदी में क्रूरता का शिकार हुए 17 साल की हाथी “निहारकोली” को वन विभाग ने सफलतापूर्वक बचा लिया। यह बचाव अभियान ढाका सफारी पार्क के वन अधिकारियों और विभिन्न पशु अधिकार संगठनों के सहयोग से नारायणगंज के कंचन क्षेत्र में चलाया गया। हाथी को बाद में गाजीपुर के बंगबंधु शेख मुजीब सफारी पार्क में छोड़ दिया गया। महावत मोनिरुल इस्लाम, जो इस क्रूरता का जिम्मेदार था, को गिरफ्तार कर लिया गया है। वीडियो के वायरल होने के बाद, पर्यावरण मंत्रालय के सलाहकार ने तुरंत हाथी को बचाने का निर्देश दिया था। बचाव कार्य में राकिबुल हक़ अमिल और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हमें बांग्लादेशी न्यूज़ वेबसाइट राइजिंगबीडी पर भी 31 अगस्त 2024 को प्रकाशित खबर मिली। जिसके अनुसार, तीन महावत इस हाथी को लेकर दुकानों में जाते थे और पैसे मांगते थे। 24 अगस्त को डौडाकांडी में हाथी अचानक भड़क गया और कई दुकानों में तोड़फोड़ की। इसे देख तीनों महावतों ने हाथी को काबू करने के लिए बेरहमी से पीटा। वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और फेसबुक पर अपलोड कर दिया, जो बाद में वायरल हो गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में महावत मोनिरुल इस्लाम समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि हाथी को बंगबंधु शेख मुजीब सफारी पार्क में भेजा गया।
इस विषय में बांग्लादेशी फैक्ट चेकर तौसीफ अकबर ने बताया कि हाथी के तीन महावत (मालिक) दुकानों में जाकर लोगों से पैसे वसूलते थे। पैसे वसूलते समय हाथी अचानक बेकाबू हो गया। 24 अगस्त को हाथी ने दाउदकांडी इलाके की कई दुकानों में उत्पात मचाया। बाद में हाथी को काबू में करने के लिए महावत (हाथी के मालिक) ने उसे मारना शुरू कर दिया। मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
इस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Sanjeev Dubey के 6000 से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि बांग्लादेश में मुस्लिम युवकों ने एक हाथी को मंदिर से जुड़ा होने के कारण पीटा। विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की जांच की और पाया कि वीडियो का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। यह घटना बांग्लादेश के कुमिला में हुई थी, जहां हाथी को दुकानों को तोड़ने की वजह से पीटा गया था। वन विभाग ने हाथी को बचाया और महावत को गिरफ्तार किया। इस वायरल वीडियो में कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं था।
Claim Review : यह घटना बांग्लादेश की है, जहां कुछ मुस्लिम युवकों ने एक हाथी को इसलिए पीटा, क्योंकि वो एक मंदिर से सम्बंधित था।
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Claimed By : Instagram User Sanjeev Dubey
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Fact Check : झूठ
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