About: http://data.cimple.eu/claim-review/f2fa7a0502a6c781688ce38e710e0652e8e66ba9f3c4f73c7ed22862     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • Fact Check: तीन साल पहले एसएसपी की पहल पर मेरठ में लगे थे सड़क पर नमाज न पढ़ने के पोस्टर, भ्रामक दावा वायरल मेरठ में सड़क पर नमाज न पढ़ने की अपील करने वाले बैनर की फोटो अगस्त 2019 की है। तत्कालीन एसएसपी के आदेश पर यह बैनर लगाया था। इसके बाद इस व्यवस्था को पूरे राज्य में लागू करने को कहा गया था। जबकि आगरा की घटना अप्रैल 2022 की है। वायरल फोटो का आगरा में दर्ज हुए केस से कोई लेना—देना नहीं है। - By: Sharad Prakash Asthana - Published: Apr 25, 2022 at 01:47 PM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। इसमें दो शख्स एक बैनर पकड़े हुए दिख रहे हैं। इसमें लिखा है, बराए मेहरबानी कोई भी नमाजी मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज न पढ़ें।— मुतवल्ली, दरबार वाली मस्जिद, भवानी नगर, मेरठ। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि आगरा में सड़क पर बिना अनुमति नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसके बाद मेरठ की मस्जिद में बैनर टांग दिए गए हैं कि सड़क पर कोई भी नमाज नहीं पढ़ेगा। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि आगरा में सड़क पर नमाज पढ़ने पर कार्रवाई करने का मामला 2 अप्रैल 2022 का है, जबकि सड़क पर नमाज नहीं अदा करने की गुजारिश वाले बैनर की फोटो अगस्त 2019 की है। मेरठ के तत्कालीन एसएसपी की पहल पर ऐसा हुआ था। क्या है वायरल पोस्ट में फेसबुक यूजर Rahul Valmiki ने 23 अप्रैल को फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, योगी जी हैं तो मुमकिन है! आगरा में सड़क पर बिना अनुमति नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर दी जिसके बाद मेरठ की मस्जिद में बैनर टांग दिए गए हैं कि सड़क पर नमाज कोई न पढ़े। कानून का कड़ाई से पालन हो,तो कानून तोड़ने वाले खुद सुधर जाएंगे, #योगी जी का यूपी इसकी मिसाल पेश कर रहा है। फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस तरह की फोटो पोस्ट करते हुए मिलता—जुलता दावा किया। पड़ताल वायरल फोटो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज से इसको सर्च किया। इसमें हमें 16 अगस्त 2019 को navbharattimes पर प्रकाशित खबर का लिंक मिला। इसमें वायरल फोटो भी मिल गई। खबर के मुताबिक, प्रशासन ने मेरठ की चार मस्जिदों को चिह्नित किया था। वहां सड़क पर नमाज होने से ट्रैफिक जाम हो जाता था। इसको लेकर एसएसपी अजय साहनी ने सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने की गुजारिश की थी। इसके बाद सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ने के लिए मस्जिदों की इंतेजामिया समितियां सामने आ गई हैं। इसके बाद मस्जिद के बाहर फुटपाथ पर नमाज अदा की गई थी, जिससे जाम नहीं लगा था। भवानी नगर मस्जिद में तो बाकायदा इंतजामिया कमेटी की तरफ से बैनर लगाया गया था। इसमें लोगों से सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने की अपील की गई थी। मेरठ की इस पहल को पूरे प्रदेश में सराहना मिली थी। इस बारे में कीवर्ड से सर्च करने पर हमें 8 अगस्त 2019 को पत्रिका में छपी खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, मेरठ के एसएसपी अजय कुमार साहनी ने चेतावनी जारी कर कहा है कि अगर जुमे पर किसी ने सड़क पर नमाज पढ़ी तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर दो मस्जिदों को नाटिस भेजे गए हैं। इसके पीछे सड़क पर लगने वाले जाम को वजह बताया गया है। सड़क पर नमाज अदा करने से ट्रैफिक सिस्टम बिगड़ जाता है। तत्कालीन एसपी सिटी ने बताया था कि जुमे की नमाज को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। 9 अगस्त 2019 को inKhabar यूट्यूब चैनल पर भी मेरठ के तत्कालीन एसएसपी के आदेश की वीडियो न्यूज अपलोड की गई है। इसका टाइटल है, मेरठ में सड़क पर जुमे की नमाज पढ़ने पर पाबंदी, Meerut SSP Ajay Sahani warning on Jumma Namaz इस बारे में दैनिक जागरण मेरठ के क्राइम रिपोर्टर सुशील कुमार का कहना है, 2019 में मेरठ के तत्कालीन एसएसपी अजय साहनी ने सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने की गुजारिश की थी। इसके बाद भवानी नगर मस्जिद में यह बैनर लगा था। एसएसपी की इस पहल को सीएम योगी और डीजीपी ने भी सराहा था। इसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया गया था। अब बात करें आगरा में सड़क पर नमाज पढ़ने पर 150 लोगों पर केस दर्ज होने की। 22 अप्रैल 2022 को jagran में छपी खबर के मुताबिक, आगरा पुलिस ने 2 अप्रैल को गुड़ की मंडी स्थित इबादतगाह पर हुए आयोजन को लेकर केस दर्ज किया है। यहां बिना अनुमति सड़क पर नमाज पढ़ने पर 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक, सड़क पर नमाज पड़ने से यातायात व्यवस्था पर असर पड़ा है। इसका मतलब यह है कि वायरल फोटो आगरा की घटना से करीब तीन साल पहले की है। फोटो को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक पेज Rahul Valmiki को हमने स्कैन किया। 27 जनवरी 2018 को बना यह पेज एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित है। इसको 52 हजार 800 से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। निष्कर्ष: मेरठ में सड़क पर नमाज न पढ़ने की अपील करने वाले बैनर की फोटो अगस्त 2019 की है। तत्कालीन एसएसपी के आदेश पर यह बैनर लगाया था। इसके बाद इस व्यवस्था को पूरे राज्य में लागू करने को कहा गया था। जबकि आगरा की घटना अप्रैल 2022 की है। वायरल फोटो का आगरा में दर्ज हुए केस से कोई लेना—देना नहीं है। - Claim Review : योगी जी हैं तो मुमकिन है! आगरा में सड़क पर बिना अनुमति नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर दी जिसके बाद मेरठ की मस्जिद में बैनर टांग दिए गए हैं कि सड़क पर नमाज कोई न पढ़े। कानून का कड़ाई से पालन हो,तो कानून तोड़ने वाले खुद सुधर जाएंगे, #योगी जी का यूपी इसकी मिसाल पेश कर रहा है। - Claimed By : FB Page- Rahul Valmiki - Fact Check : भ्रामक पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 2 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software